हमारी जाति और हमारे बच्चे
एक संभ्रांत और शायद प्रतिष्ठित परिवार की सात वर्षीय बालिका ने आज मुझसे अनायास ही एक प्रश्न करके मुझे अचंभित कर दिया.
उसने पूछा : अंकल! क्या आप राजपूत है?
मैंने उत्तर दिया : मुझे नहीं पता बेटा, लेकिन यह राजपूत कौन होते है?
उसने कहा: राजपूत मतलब ' राजा का पुत्र '. हम राजपूत हैं इसलिए हम राजा की तरह रहते हैं.
इस वाकये ने मेरे अन्दर खुद ही एक प्रश्न खड़ा कर दिया कि क्या आज के पढ़े लिखे और संभ्रांत परिवार के लोग भी अपने बच्चों को जाति जैसे भेदभाव पैदा करने वाली शिक्षा दे रहे हैं? क्या हम बड़ी शिक्षा लेने के बाद अपने खुद को इस जाति रूपी बंधन से मुक्त कर सकते हैं?
उसने पूछा : अंकल! क्या आप राजपूत है?
मैंने उत्तर दिया : मुझे नहीं पता बेटा, लेकिन यह राजपूत कौन होते है?
उसने कहा: राजपूत मतलब ' राजा का पुत्र '. हम राजपूत हैं इसलिए हम राजा की तरह रहते हैं.
इस वाकये ने मेरे अन्दर खुद ही एक प्रश्न खड़ा कर दिया कि क्या आज के पढ़े लिखे और संभ्रांत परिवार के लोग भी अपने बच्चों को जाति जैसे भेदभाव पैदा करने वाली शिक्षा दे रहे हैं? क्या हम बड़ी शिक्षा लेने के बाद अपने खुद को इस जाति रूपी बंधन से मुक्त कर सकते हैं?

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