Wednesday, June 15, 2016

पर्यावरण दिवस


जमशेदपुर झारखण्ड राज्य में एक छोटा पर बहुत पुराना औद्योगिक शहर है। औद्योगिक होने के कारण उसकी आबो-हवा में भी इसकी छाप है अर्थात वायु और जल प्रदूषण। 
कुछ दिनों पहले विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। जमशेदपुर के दैनिक अख़बारों में अनेकानेक चित्र प्रकाशित हुए जिसमें विभिन्न प्रकार के संघ, समाज, समिति, मोर्चा, दल, विद्यालय, सरकारी कार्यालयों के सदस्य पौधारोपण करते दिखाई दिए। अाज क़रीब एक हफ़्ता बीत गया, पता नहीं कि उनमें से कितने पौधों ने अपनी आगे की जीवन लीला जारी रखी होगी।
लेकिन उसी शहर में आज पुराने ट्रक और डीज़ल आधारित तीन और चार पहिया वाहनों के धुएँ से सड़कें कभी-कभी काली दिखने लगती हैं। चूँकि शहर देश के बड़े शहरों में शुमार नहीं है इस प्रदूषण की सुध शायद ही किसी को हो, होगी भी तो परिलक्षित नहीं होती है। हम चेतेंगे ज़रूर लेकिन समय निकलने के बाद, जैसा कि बड़े-बड़े शहरों में देखा गया है अर्थात दिल्ली, मुंबई, कानपुर इत्यादि।
लेकिन ऊपर बताए गए सभी संघ, समाज, समिति, मोर्चा, दल आदि अगर सच में पर्यावरण के प्रति जागरूक हों तो इस समस्या का निदान निकल सकता है। हवा, जल और ज़मीन की शुद्धता हमारे लिए एक सामाजिक ज़िम्मेदारी बना दी जाए और इसकी अवहेलना करने वालों को हिक़ारत की नज़र से देखा जाय। सभी को एकजुट होकर इसे एक क्रान्ति के रूप में सड़क पर लाना होगा, अन्यथा पौधारोपण बस एक राजनीतिक औपचारिकता बनकर ही रह जाएगी।


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