Friday, April 7, 2017

चरित्र निर्माण

पाठशाला में नैतिक शिक्षा, जो प्रायः ख़त्म होती जा रही है, केवल विद्यार्थी को जड़वत अच्छाई और बुराई का भेद बताते हैं । परन्तु चारित्रिक शिक्षा या चरित्र निर्माण, जो मूलतः पारिवारिक परिवेश से आता है, विद्यार्थी को अच्छाई बरक़रार रखने के रास्ते में आने वाली कठिनाइयों को आत्मसात करना सिखाता है ।
आज देश को पैसे से कहीं ज़्यादा अपने युवाओं के चरित्र निर्माण की ज़रूरत है जो हमारे नौनिहालों से शुरु होती है ।
चरित्र निर्माण से लालसा रहित कर्मठता पैदा होती है जो देश की आर्थिक समृद्धि और मानव मूल्यों की रक्षा में सहायक होगा ।